कम्प्यूटर क्या है
कम्प्यूटर क्या है
कम्प्यूटर एक तीव्र शत प्रतिशत सही परिणाम देने वाली इलेक्ट्रिक मशीन है, जो संग्रह किए गए डाटा के आधार पर या यूजर User से प्राप्त डाटा की बीजगणितीय एवं तार्किक क्रिया कर आउटपुट Output प्रदान करती है।प्रयोगकर्ता इनपुट की सहायता से डाटा कम्प्यूटर को देता है। दिए गए निर्देशों के अनुसार कम्प्यूटर, प्राप्त डाटा पर प्रोसेसिंग करता है एवं आउटपुट उपकरणों के द्वारा इच्छित परिणाम यूजर को प्रदान करता है। कम्प्यूटर शत प्रतिशत सही परिणाम देने वाली मशीन है। कंप्यूटर तब ही गलत परिणाम देता है जब या तो यूजर के द्वारा गलत डाटा इनपुट कराए गए हो या प्रोसेसिंग के लिए गलत निर्देश दिए गए हो।
चार्ल्स बैबेज का डिफरेन्स इंजन व एनालिटिकल इंजन
चार्ल्स बैबेज कम्प्यूटर इतिहास में महान व्यक्ति थे जिन्होंने डिफरेन्स इंजन Difference Engine बनाया। चार्ल्स बैबेज को आधुनिक कम्प्यूटर का जन्मदाता Father of Modern Computer माना जाता है, क्योंकि सर्वप्रथम बैबेज ने ही कम्प्यूटर आविष्कार की महत्त्वपूर्ण परिकल्पना की थी। इस मशीन के द्वारा प्राणियों का निर्माण किया जाता था। इस मशीन में गियर व शाफ्ट लगे थे तथा यह भाप से चलती थी। यह पूर्णतः स्वचालित मशीन Automatic Machine थी। यह 60 जोड़ एक मिनट में कर सकती थी एवं इसमें मेमोरी Memory भी थी यह प्रोग्राम के निर्देशों द्वारा नियंत्रित होती थी।1833 में बैबेज ने एक अन्य मशीन का आविष्कार किया जिसे एनालिटिकल इंजन Analytical Engine कहा गया। यह मशीन दशमलव के 50 वें स्थान तक काम कर सकती थी। इस प्रकार की 1000 तक संख्या इसमें संग्रहित की जा सकती थी। इस मशीन के लिए निर्देश पंच कार्ड पर संग्रहित किए जाते थे।
यह विचार उन्हें जोसेफ जैकार्ड Joseph Jacquard 1752-1834 की लूम मशीन Loom Machine से मिला जिसमें पहली बार पंच कार्डों का प्रयोग किया गया।
इस मशीन द्वारा पूर्णांक संख्या का वर्गमूल भी ज्ञात किया जा सकता था। इस मशीन द्वारा परिणाम स्वतः प्रिंट हो जाते थे।
एनालिटिकल इंजन के गुण
- इसमें इनपुट उपकरण होते थे जिसकी सहायता से निर्देश व डाटा को पढ़ा जा सकता था।
- इसमें संग्रहण Storing के लिए मेमोरी का प्रयोग किया गया।
- इसमें आउटपुट उपकरण होते थे जिसकी सहायता से परिणाम प्रिंट किया जाता था।
इस प्रकार बैबेज द्वारा किया गया कार्य महान था हालांकि हमें आज के कम्प्यूटर का निर्माण करने में शताब्दी लगी लेकिन आज का मॉर्डन कम्प्यूटर चार्ल्स बैबेज का सपना था।
कंप्यूटर का इतिहास
आवश्यकता Need आविष्कार की जननी है, आज कम्प्यूटर इसी आवश्यकता का परिणाम है। मनुष्य विकास के मार्ग में प्राचीन काल से ही प्रयत्नरत रहा है। इसी का नतीजा है आज का कम्प्यूटर।कम्प्यूटर के विकास क्रम को तीन भागों में बांटा जा सकता है।
डार्क ऐज
इस समय के सभी कम्प्यूटर Electro-mechanical थे। डार्क ऐज का इतिहास अबेकस Abacus से शुरू हुआ। इससे पहले मनुष्य गणना के लिए छोटे-छोटे पत्थर या धातुओं पर खरोंच करके गणना का कार्य करते थे।
अबेकस
अबेकस गणना की प्राचीनतम मशीन मानी जाती है जो कि चीन में 3000 वर्ष पहले बनाई गई थी। अबेकस को आज भी सोवियत संघ, जापान एवं भारत में भी प्राथमिक शिक्षा के लिए काम में लिया जा रहा है।इस उपकरण में एक लकड़ी का फ्रेम होता है जो दो भागों में बंटा रहता है। ऊपरी भाग को हैवन तथा निचले भाग को अर्थ कहा जाता है। इस फ्रेम में क्षैतिज छड़े लगी होती है जिनमें गोल मोती लगे होते हैं। इन मोतियों को एक तरफ से दूसरी तरफ खिसकाकर गणना की जाती है। सबसे ऊपर वाली लाइन, इकाई, दूसरी लाइन दहाई, तीसरी लाइन सैकडा...... अंकों का मान व्यक्त करती है।
अबेकस का नियमित रूप से उपयोग करने वाला व्यक्ति अबेकस के द्वारा इतनी तेज गति से गणनाएं कर सकता है जितना कि एक कैलकुलेटर से कि जाती है।
एनालॉग मशीन एवं नेपियर बोन्स
अबेकस के बाद सन् 1617 में स्कॉटलैंड के एक गणितज्ञ जॉन नेपियर ने हड्डियों की छड़ों का प्रयोग कर एक ऐसी मशीन Device का निर्माण किया जो गुणा Multiplication का कार्य भी कर सकती थी। इसलिए इस मशीन Device का नाम नेपियर बोन्स Napier Bones रखा गया।
ब्लेज पास्कल का यांत्रिक कैलकुलेटर
सन् 1642 में ब्लेज पास्कल Blaise Pascal ने पहली यांत्रिक मशीन Mechanical Machine बनाई जो जोड़ व बाकी का कार्य कर सकती थी। पास्कल ने 18 वर्ष की उम्र में अपने पिता को Tax Calculation की मदद के लिए इस मशीन को बनाया।पास्कल की इस एडिंग मशीन को पास्कलाइन Pascaline कहा गया। पास्कल ने इस मशीन में कई गियरों व पहियों का उपयोग किया। प्रत्येक पहिए में 10 खण्ड Segment थे जैसे वर्तमान के स्कूटर और कारों में किलोमीटर मापने के लिए माइलो मीटर काम करते हैं।
यह मशीन खूब प्रचलित हुई। बाद में जर्मन वैज्ञानिक गोटफ्रेड लैबनीज Gottfried Leibnitz ने 1671 में पास्कलाइन में कई सुधार करके इसका विकसित रूप तैयार किया जो जोड़ने तथा घटाने के साथ गुणा और भाग का कार्य भी करने लगी। इसे रेकनिंग मशीन Reckoning Machine कहा गया।
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