मुगल साम्राज्य का इतिहास

मुगल साम्राज्य का इतिहास
बाबर
  • मुगल वंश का संस्थापक बाबर था।
  • बाबर का जन्म 1483 ई. फरगना में हुआ। 
  • बाबर के अनुसार उसको भारत पर आक्रमण करने का निमन्त्रण पंजाब के शासक दौलत खाँ लोदी एवं मेवाड़ के शासक राणा सांगा ने दिया था। 
  • पानीपत के प्रथम युद्ध 1526 ई. में बाबर ने पहली बार तुगलुमा युद्ध नीति एवं तोपखाने का प्रयोग किया।
  • उस्ताद अली एवं मुस्तफा बाबर के दो प्रसिद्ध तोपची थे।
  • बाबर को अपनी उदारता के लिए कलन्दर की उपाधि दी गई थी। 
  • खानवा के युद्ध 1527 ई. में विजय के बाद बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की थी। इस युद्ध में बाबर ने जेहाद का नारा दिया था।
  • उसने चन्देरी के युद्ध 1528 ई. में मेदिनी राय को तथा घाघरा के युद्ध 1529 ई. में बिहार एवं बंगाल की संयुक्त अफगान सेना को पराजित किया था। 
  • बाबर ने गज-ए-बाबरी नामक माप का प्रयोग किया था। बाबर ने बाबरनामा की रचना की थी, यह तुर्की भाषा में लिखि थी।
  • बाबर को मुंबईयान नामक पद्यशैली का भी जन्मदाता माना जाता है। बाबर प्रसिद्ध नक्शबन्दी सूफी ख्वाजा उबैदुल्ला अहरार का अनुयायी था।

हुमायूँ
  • हुमायूँ, 1530 ई. में सिंहासन पर बैठा। और 1533 ई. में उसने दिल्ली में दीनपनाह की स्थापना की थी। 
  • चौसा का युद्ध 25 जून, 1539 ई. में शेर खाँ एवं हुमायूँ के बीच हुआ। इस युद्ध में शेर खाँ विजयी रहा था।
  • बिलग्राम या कन्नौज का युद्ध 17 मई, 1540 ई. में शेर खाँ एवं हुमायूँ के बीच हुआ। इस युद्ध में हुमायूँ को पराजित कर शेर खाँ ने आगरा और दिल्ली पर कब्जा कर लिया था। 
  • 1555 ई. में हुमायूँ ने सिकंदर सूरी को पराजित कर पुनः दिल्ली पर कब्जा किया था।
  • 1 जनवरी, 1556 ई. को दीनपनाह भवन की सीढ़ियों से गिरने के कारण हुमायूँ की मृत्यु हो गई थी।
लेनपूल ने हुमायूँ के बारे में टिप्पणी करते हुए लिखा है "हुमायूँ जीवन भर लड़खड़ाता रहा और लड़खड़ाते हुए अपनी जान दे दी।"

शेरशाह सूरी
  • सुर साम्राज्य का संस्थापक शेरशाह सूरी था। इसके बचपन का नाम फरीद खाँ था।
  • शेरशाह की बहादुरी से प्रसन्न होकर बिहार के अफगान सुल्तान मुहम्मद बहार खाँ लोहानी ने उसे शेर खाँ की उपाधि प्रदान की।
  • शेरशाह ने ग्रॉण्ड ट्रंक रोड बनवाई थी।
  • डाक प्रथा का प्रचलन शेरशाह द्वारा किया गया। रोहतासगढ़ किला तथा किला-ए-कुन्ह (पुराना किला) (दिल्ली) शेरशाह ने बनवाया था।
  • मलिक मुहम्मद जायसी, शेरशाह का समकालीन था। उसने पद्मावत की रचना शेरशाह के शासनकाल में की थी। 
  • शेरशाह की मृत्यु 1545 ई. में कालिंजर के किले को जीतने के क्रम में हुई थी। शेरशाह का मकबरा सासाराम में स्थित है।

अकबर
  • अकबर का जन्म 15 अक्टूबर, 1542 ई. को अमरकोट के राणा वीरसाल के महल में हुआ था। 
  • अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी, 1556 ई. को पंजाब के कलानौर नामक स्थान पर हुआ। 
  • बैरम खाँ 1556 से 1560 ई. तक अकबर का संरक्षक रहा था। 
  • पानीपत के द्वितीय युद्ध 1556 ई. में अकबर ने हेमू को पराजित किया था।
  • अकबर ने 1562 ई. में दास प्रथा का अन्त किया, 1563 ई. में तीर्थ यात्रा की समाप्ति तथा 1564 ई. में जजिया कर की समाप्ति की थी। 
  • हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून, 1576 ई. को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप एवं अकबर के बीच हुआ था। इस युद्ध में अकबर विजयी हुआ।
  • अकबर ने दीन-ए-इलाही 1582 ई. में धर्म चलाया। उसने 1575 ई. में 'इबादतखाना' बनवाया था। 
  • दीन-ए-इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अन्तिम हिन्दू बीरबल था।
  • अकबर ने जैन धर्म के हरिविजय सूरि को जगतगुरु की उपाधि प्रदान की तथा सूफी मत में आस्था जताते हुए चिश्ती सम्प्रदाय को आश्रय दिया। सलीम चिश्ती उसके समकालीन थे।
  • अकबर के दरबार में प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था। अकबर के दीवान राजा टोडरमल ने 1580 ई. में 'दहसाला बन्दोबस्त' लागू किया। 
  • अकबर ने गुजरात विजय की स्मृति में फतेहपुर सीकरी में बुलन्द दरवाजा निर्मित करवाया। 
  • अकबर ने मनसबदारी प्रथा आरम्भ की थी।
  • स्थापत्य कला के क्षेत्र में अकबर की महत्त्वपूर्ण रचना आगरा का लाल किला, फतेहपुर सीकरी में शाही महल, बुलन्द दरवाजा तथा इलाहाबाद का किला है। अकबर का मकबरा सिकन्दरा में स्थित है।
  • मुगलों की राजकीय भाषा फारसी थी।
  • महाभारत का फारसी भाषा में रज्मना़मा नाम से अनुवाद बदायूँनी, नकीब खाँ एवं अब्दुल कादिर ने किया था।
  • अकबर के दरबार के नवरत्न थे—मुल्ला दो प्याजा, राजा मानसिंह, अब्दुल रहीम खानखाना, टोडरमल, हकीम खाँ, फैजी, अबुल फजल, बीरबल तथा तानसेन।

जहाँगीर
  • जहाँगीर का जन्म 30 अगस्त, 1569 ई. में हुआ था, उसके बचपन का नाम सलीम था। 
  • 1605 ई. में वह नूरुद्दीन मुहम्मद जहाँगीर बादशाही गाजी की उपाधि धारण कर गद्दी पर बैठा। 
  • जहाँगीर को न्याय की जंजीर के लिए याद किया जाता है। जहाँगीर की आत्मकथा तुजुक-ए-जहाँगीरी है।
  • खुसरो को सहायता देने के कारण जहाँगीर ने सिख गुरु अर्जुन देव को फाँसी दिलवा दी थी। खुसरो गुरु से गोइन्दवाल में मिला था। 
  • जहाँगीर का मुख्य शिक्षक अब्दुर्रहीम खानखाना था। 
  • जहाँगीर के समय को चित्रकला का स्वर्णकाल कहा जाता है। उसके समय कैप्टन हॉकिन्स, सर टॉमस रो, विलियम फिंच एवं एडवर्ड टैरी यूरोपीय यात्री आए थे। 
  • जहाँगीर के मकबरे का निर्माण नूरजहाँ ने करवाया था।
  • नूरजहाँ का वास्तविक नाम मेहरून्निसा था। 
  • नूरजहाँ की माँ अस्मत बेगम ने गुलाब से इत्र निकालने की विधि की खोज की थी।

शाहजहाँ 
  • खुर्रम (शाहजहाँ) का जन्म 1592 ई. में लाहौर में हुआ था। यह 1627 ई. में गद्दी पर बैठा।
  • 1612 ई. में खुर्रम का विवाह आसफ खां की पुत्री अरजुमन्द बानों बेगम (मुमताज महल) से हुआ था, जिसे उसने मलिका-ए-जमानी की उपाधि प्रदान की।
  • मुमताज महल की याद में शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण आगरा में करवाया था।
  • शाहजहाँ ने मयूर सिंहासन का निर्माण करवाया था। शाहजहाँ के शासनकाल को स्थापत्य कला का स्वर्ण युग कहा जाता है।
  • शाहजहाँ द्वारा बनाई गई प्रमुख इमारतें दिल्ली का लाल किला, दीवाने आम, दीवाने खास, दिल्ली की जामा मस्जिद, आगरा की मोती मस्जिद एवं ताजमहल हैं।
  • शाहजहाँ के दरबार में प्रमुख चित्रकार मुहम्मद फकीर एवं मीर कासिम थे। शाहजहाँ ने ही दिल्ली को राजधानी बनाया था।
  • शाहजहाँ ने संगीतज्ञ लाल खाँ को गुणसमन्दर की उपाधि दी थी। 1658 ई. में औरंगजेब ने शाहजहाँ को बन्दी बना लिया। 1666 ई. में शाहजहाँ की मृत्यु हो गई थी। 
  • शाहजहाँ के पुत्रों में दाराशिकोह सर्वाधिक विद्वान् था।

औरंगजेब 
  • औरंगजेब का जन्म 3 नवम्बर, 1618 ई. को गुजरात के दोहाद नामक स्थान पर हुआ था। औरंगजेब को जिन्दा पीर कहा जाता है। यह 1658 ई. में गद्दी पर बैठा था। और इसका दो बार राज्याभिषेक हुआ। 
  • औरंगजेब ने झरोखा-दर्शन एवं नौरोज मनाने पर रोक लगा दी। 
  • औरंगजेब ने 1679 ई. में जजिया कर पुनः लागू किया। और बीबी का मकबरा का निर्माण 1679 ई. में औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में करवाया था। 
  • औरंगजेब ने दिल्ली में सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर की हत्या करवा दी थी। औरंगजेब की मृत्यु 1707 ई. में हुई।

बहादुरशाह प्रथम
  • बहादुरशाह प्रथम ने जजिया की वसूली बन्द करवा दी था।
  • खफी खाँ ने इसे शाहे बेखबर कहा है। 
  • 27 फरवरी, 1712 ई. को बहादुर शाह प्रथम की मृत्यु हो गई।
  • अन्तिम मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर था। इसे 1857 ई. के विद्रोह के बाद रंगून निर्वासित कर दिया गया था, जहाँ इसकी मृत्यु हो गई थी।

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