मध्यकालीन भारत का इतिहास

मध्यकालीन भारत का इतिहास
भारत पर अरबों का प्रथम आक्रमण 712 ई. में मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में हुआ था। उस समय सिन्ध पर दाहिर का शासन था।

महमूद गजनवी
  • महमूद गजनवी 997 ई. में गजनी की गद्दी पर बैठा। उसने भारत पर 17 बार आक्रमण किया। उसका पहला आक्रमण वैहिन्द के शासक जयपाल के विरुद्ध था।
  • 1025 ई. में महमूद गजनवी ने सोमनाथ मन्दिर (सौराष्ट्र) पर आक्रमण किया तथा भयंकर लूटपाट की।
  • महमूद गजनवी का अन्तिम आक्रमण सिन्ध और मुल्तान के तटवर्ती क्षेत्रों के जाटों के विरुद्ध था।
  • अलबरूनी, फिरदौसी, उत्बी तथा फारुखी जैसे विद्वान् महमूद गजनवी के दरबार में रहते थे।

मुहम्मद गोरी
  • मुहम्मद गोरी ने भारत पर पहला आक्रमण 1175 ई. में मुल्तान में किया।
  • चालुक्य शासक भीम II ने 1178 ई. में मुहम्मद गोरी को परास्त किया था।
  • 1191 ई. में मुहम्मद गोरी एवं पृथ्वीराज चौहान के मध्य तराइन का प्रथम युद्ध हुआ था, जिसमें मुहम्मद गोरी की हार हुई थी। 
  • तराइन का द्वितीय युद्ध 1192 ई. में मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को पराजित कर भारत में तुर्क सत्ता स्थापित की थी।
  • चन्दावर के युद्ध (1194 ई.) में मुहम्मद गोरी ने कन्नौज के शासक जयचन्द को हराया। 
  • 1206 ई. में खोखरों ने मुहम्मद गोरी की हत्या कर दी। मुहम्मद गोरी के कुछ सिक्कों पर एक ओर कलमा और दूसरी ओर लक्ष्मी की आकृति खुदी थी।

गुलाम वंश कुतुबुद्दीन ऐबक
  • कुतुबुद्दीन ऐबक जून, 1206 में सुल्तान बना। उसने लाहौर को अपनी राजधानी बनाया।
  • कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद तथा अजमेर में अढ़ाई दिन का झोपड़ा बनवाया।
  • ख्वाजा बख्तियार काकी की स्मृति में कुतुबमीनार की नींव कुतुबुद्दीन ऐबक ने रखी थी।
  • कुतुबुद्दीन ऐबक को लाख बख्श भी कहा जाता है।
  • ऐबक की मृत्यु 1210 ई. में चौगान खेलते समय घोड़े से गिरकर हो गई। उसे लाहौर में दफनाया गया।

इल्तुतमिश 
  • इल्तुतमिश 1210 ई. में दिल्ली की गद्दी पर बैठा था। इसने आरामशाह (लाहौर में गद्दीनशीन) को आसानी से परास्त कर दिया। 
  • इल्तुतमिश पहला शासक था, जिसने 1229 ई. में बगदाद के खलीफा से वैधानिक स्वीकृति प्राप्त की। इसने चालीस तुर्क सरदारों के दल तुर्कान-ए-चहलगानी का गठन किया। उसने 1231-32 ई. में कुतुबमीनार का निर्माण कार्य पूरा किया था मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह बनवाई। चाँदी के टंका तथा ताँबे के जीतल नामक सिक्के का प्रचलन इल्तुतमिश ने किया था।

रजिया सुल्तान
  • इल्तुतमिश की पुत्री रजिया ने रुकनुद्दीन फिरोज को अपदस्थ कर गद्दी प्राप्त की थी। रजिया दिल्ली सल्तनत की प्रथम मुस्लिम महिला शासिका थी। वह 1236 ई. में गद्दी पर बैठी। रजिया ने अल्तुनिया से विवाह किया। रजिया की हत्या 1240 ई. में कैथल में हुई।
  • रजिया के बाद बहरामशाह, अलाउद्दीन मसूदशाह तथा नसीरुद्दीन महमूद ने शासन किया, परन्तु वे अयोग्य थे और बलबन ने सत्ता हथिया ली।

बलबन
  • बलबन 1266 ई. में गद्दी पर बैठा। अपने विरोधियों की समाप्ति के लिए उसने लौह एवं रक्त की नीति अपनाई तथा चालीसा को समाप्त कर दिया। 
  • बलबन ने नियाबत-ए-खुदाई तथा जिल्ले-इलाही की उपाधि ग्रहण की।
  • बलबन ने पारसी-नववर्ष नौरोज की शुरुआत की। 
  • बलबन ने दरबार में सिजदा तथा पाबोस नामक प्रथाओं की शुरुआत की।
  • बलबन ने सैन्य विभाग (दीवान-ए-आरिज) का गठन किया।
  • बलबन के काल में ही बंगाल में बुगरा खां ने विद्रोह किया था।

जलालुद्दीन फिरोज खिलजी
  • 1290 ई. में जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने खिलजी वंश की स्थापना की।
  • जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने किलोखरी को अपनी राजधानी बनाया।
  • सुल्तान कैकुबाद ने उसे शाइस्ता खाँ की उपाधि दी थी।

अलाउद्दीन फिरोज खिलजी
  • 1296 ई. में अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का सुल्तान बना। उसने सेना को नकद वेतन देने एवं स्थायी सेना की नींव रखी। 
  • घोड़ा दागने एवं सैनिकों का हुलिया लिखने की प्रथा आरम्भ की।
  • बाजार नियन्त्रण प्रणाली को दृढ़ता से लागू किया।
  • उसने मलिक काफूर को दक्षिण भारत की विजय के लिए भेजा। जमायतखाना मस्जिद, अलाई दरवाजा, सीरी का किला तथा हजार सितून महल का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने करवाया था।
  • उसने सिकन्दर-ए-सानी की उपाधि ग्रहण की तथा जाब्ता (भूमि की पैमाइश) के आधार पर लगान का निर्धारण किया। 
  • राजस्व प्रणाली में सुधार हेतु दीवान-ए-मुस्तखराज विभाग की स्थापना की। 
  • अमीर खुसरो, अलाउद्दीन खिलजी का दरबारी कवि था। सितार एवं तबले के आविष्कार का श्रेय उसे दिया जाता है।
  • अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु 1316 ई. में हुई।

मुबारक शाह खिलजी
  • मुबारक शाह खिलजी पहला सुल्तान था, जिसने स्वयं को खलीफा घोषित किया। 
  • उसने खिलाफत उल-लह अल-इमाम की उपाधि धारण की।

गयासुद्दीन तुगलक
  • 1320 ई. में खुसरो खाँ को पराजित कर गयासुद्दीन तुगलक दिल्ली के सिंहासन पर बैठा। 
  • सिंचाई हेतु नहर निर्माण कराने वाला गयासुद्दीन तुगलक दिल्ली सल्तनत का प्रथम शासक था। 
  • गयासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली में तुगलकाबाद नामक नया नगर स्थापित किया।
  • सूफी संत निजामुद्दीन औलिया से इसके मतभेद थे। बंगाल अभियान से लौटते समय इसने निजामुद्दीन औलिया को उसके दिल्ली पहुंचने से पहले दिल्ली छोड़ देने का आदेश दिया। इस पर निजामुद्दीन औलिया ने जवाब दिया "हनूज दिल्ली दूर अस्त' अर्थात् दिल्ली अभी दूर है।
  • गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु 1325 ई. में बंगाल के अभियान से लौटते समय लकड़ी के महल में दबने से हुई थी। 

मुहम्मद-बिन-तुगलक
  • गयासुद्दीन के बाद जौना खाँ 'मुहम्मद-बिन- तुगलक' के नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा।
  • 1327 ई. में उसने अपनी राजधानी दिल्ली से देवगिरि में स्थानान्तरित की और इसका नाम दौलताबाद रखा गया। 
  • उसने कृषि विकास हेतु दीवान-ए-कोही विभाग की स्थापना की। 1333 ई. में मोरक्को का प्रसिद्ध यात्री इब्नबतूता भारत आया। वह दिल्ली में आठ वर्षों तक काजी बन कर रहा था। मुहम्मद-बिन तुगलक की मृत्यु 1351 ई. में थट्टा के निकट गोडाल में हो गई।
  • इसकी मृत्यु पर इतिहासकार अब्दुल कादिर बदायूँनी ने लिखा कि "सुल्तान को उसकी प्रजा से तथा प्रजा को उसके सुल्तान से मुक्ति मिल गई।"

फिरोजशाह तुगलक
  • फिरोजशाह तुगलक 1351 ई. में दिल्ली का सुल्तान बना। उसने 24 कष्टदायक करों को समाप्त कर केवल चार कर-दराज, खम्स, जजिया एवं जकात वसूल करने का आदेश दिया। फिरोजशाह तुगलक ने हिसार, फिरोजाबाद (दिल्ली), फतेहाबाद, जौनपुर, फिरोजपुर जैसे नगरों की स्थापना की थी।
  • सुल्तान फिरोज तुगलक ने दिल्ली में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण करवाया था। 
  • फिरोजशाह ने बिजली गिरने से ध्वस्त कुतुबमीनार की पाँचवीं मंजिल का पुनर्निर्माण करवाया था।
  • फिरोज ने फारसी भाषा में अपनी आत्मकथा फुतुहत-ए-फिरोजशाही की रचना की थी। 
  • बरनी इसका दरबारी था। इसने तारीख-ए-फिरोजशाही नामक पुस्तक लिखी थी।
  • तुगलक वंश का अन्तिम शासक नासिरुद्दीन महमूद था। 
  • तैमूरलंग ने नासिरुद्दीन महमूद के समय 1398 ई. में दिल्ली पर आक्रमण किया था।

सैयद वंश
  • सैयद वंश का संस्थापक खिज्र खाँ था। 
  • खिज्र खाँ के पुत्र मुबारक खाँ ने शाह की उपाधि ली। अन्तिम शासक अलाउद्दीन आलम शाह था।

बहलोल लोदी
  • लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था। 
  • बहलोल लोदी ने 1451 ई. में बहलोल शाहगाजी की उपाधि से दिल्ली पर शासन आरम्भ किया था। 
  • उसकी सबसे बड़ी सफलता थी जौनपुर को पुनः दिल्ली में शामिल करना।

सिकन्दर लोदी
  • 1506 ई. में सिकन्दर लोदी ने आगरा की स्थापना की थी। सिकन्दर लोदी ने गुलरुखी उपनाम से फारसी में कविता लिखी थी, तथा आगरा को राजधानी बनाया। 
  • उसने भूमि की माप के लिए गज-ए-सिकन्दरी का प्रचलन करवाया। सिकन्दर लोदी की मृत्यु 1517 ई. में हो गई थी। उसके बाद इब्राहिम लोदी इब्राहिम शाह की उपाधि से आगरा के सिंहासन पर बैठा।

इब्राहिम लोदी
बाबर ने 1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल सत्ता स्थापित की थी। युद्ध स्थल में वीरगति को प्राप्त होने वाला यह दिल्ली सल्तनत का एकमात्र सुल्तान था।

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