कंप्यूटर को कितने भागों में बांटा गया है

इनपुट युक्ति
इनपुट युक्ति
इस युक्ति का उपयोग आंकड़ों, तथ्यों व निर्देशों को कम्प्यूटर के अन्दर सम्प्रेषित करने के लिए किया जाता है। जैसे-की-बोर्ड (कुंजी पटल), ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर, ऑप्टिकल मार्क रीडर, मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रीडर, लाइट पेन, ट्रेकबॉल, स्कैनर, जॉयस्टिक आदि।

आउटपुट युक्ति
आउटपुट युक्ति 
कम्प्यूटर द्वारा संसाधित परिणामों को इन युक्तियों के जरिए प्रदर्शित या प्राप्त किया जाता है; जैसे-वीडियो डिस्पले यूनिट, प्रिण्टर, प्लोटर्स आदि।

सीपीयू
सीपीयू
सीपीयू (CPU) का पूरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट है। सीपीयू कम्प्यूटर का सबसे प्रमुख भाग होता है। जो निर्देशों का उपयोग कर सम्पूर्ण कम्प्यूटर प्रणाली को संचालित करता है। यह कम्प्यूटर का हृदय या मस्तिष्क कहलाता है।
सीपीयू को दो भागों में विभक्त किया गया है।-

  1. एएलयू - (अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट) इसका उपयोग सभी प्रकार की अंकगणितीय क्रियाएँ (जोड़ना, घटाना, गुणा करना तथा भाग देना) और तुलनाएँ करने के लिए किया जाता है।
  2. कण्ट्रोल यूनिट - यह निर्देशों का सही उपयोग व उनको कण्ट्रोल करने का कार्य करता है। 

मैमोरी यूनिट
मैमोरी यूनिट 
(संग्रह इकाई) यह सामग्री (आंकड़े) तथा कार्यक्रम को संचित करने के लिए प्रयुक्त की जाती है। सम्पूर्ण मैमोरी यूनिट को दो भागों में विभाजित किया जाता है

प्राथमिक मेमोरी 
(प्राइमरी यूनिट) यह कम्प्यूटर का स्मृति संग्राहक है, जहाँ जानकारी को संचित किया जाता है। इस स्मृति संग्राहक के दो स्पष्ट रूप हैं
  1. रैम (RAM) - यह परिवर्तनशील (अस्थायी) मैमोरी है। यह कम्प्यूटर की मेन मैमोरी का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होता है। कम्प्यूटर में सम्प्रेषित सभी डेटा सीधे रैम में ही स्टोर होता है। इसे रैंडम एक्सेस मेमोरी कहा जाता है। 
  2. रोम (ROM) - रोम स्थायी मेमोरी है। जो कम्प्यूटर के निर्माण के समय ही स्थापित कर दी जाती है। इसमें मौजूद डेटा को केवल पढ़ा जा सकता है, इसलिए इसे रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है। 

द्वितीयक मेमोरी 
यह सूचना को स्थायी रूप से संग्रह करने के काम आती है। ये विभिन्न प्रकार की संग्रह पद्धतियों पर आधारित होती हैं, जैसे-हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, सीडी एवं डीवीडी रोम आदि।

हार्डवेयर
कम्प्यूटर और उससे संलग्न सभी यन्त्र व उपकरण, जिन्हें हम हाथ से स्पर्श कर सकते हैं, को हार्डवेयर कहा जाता है। इसके अन्तर्गत सीपीयू, इनपुट युक्ति, आउटपुट युक्ति, मेमोरी यूनिट आदि आते हैं।

सॉफ्टवेयर
प्रोग्रामिंग भाषा में लिखे गए निर्देशों अर्थात् प्रोग्रामों की वह श्रृंखला है, जो कम्प्यूटर सिस्टम के कार्यों को नियन्त्रित कर, विभिन्न हार्डवेयरों के बीच समन्वय स्थापित करता है। इसे प्रोग्रामों का समूह भी कहते हैं। यह मुख्यतः दो प्रकार में विभाजित है

सिस्टम सॉफ्टवेयर 
ये प्रोग्राम कंप्यूटर को चलाने, उसे नियन्त्रित करने, उसके विभिन्न भागों की देखभाल करने तथा उसकी सभी क्षमताओं का अच्छे से उपयोग करने के लिए लिखे जाते हैं।
  • ऑपरेटिंग सिस्टम - ऑपरेटिंग सिस्टम एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो यूजर एवं कम्प्यूटर के बीच एक माध्यम (Interface) की भाँति कार्य करता है। विण्डोज, एंड्रॉयड, IOS, लाइनक्स आदि इसके उदाहरण हैं।
  • भाषा अनुवादक - भाषा अनुवादक ऐसे प्रोग्राम हैं, जो विभिन्न प्रोग्रामिंग भाषाओं में लिखे गए प्रोगामों का अनुवाद कम्प्यूटर की मशीनी भाषा में करते हैं। ये मुख्यतः तीन श्रेणियों में बाँटे गए हैं 
  1. असेम्बलर - असेम्बलर प्रोग्राम, असेम्बली भाषा में लिखे गए प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है। 
  2. कम्पाइलर - कम्पाइलर उच्च स्तरीय भाषा में लिखे गए सोर्स प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है।
  3. इंटरप्रेटर - इंटरप्रेटर उच्च स्तरीय भाषा में लिखे सोर्स प्रोग्राम का अनुवाद मशीनी भाषा में करता है, परन्तु यह एक बार में केवल एक लाइन का अनुवाद करता है।

प्रोग्रामिंग भाषाएँ
कम्प्यूटर के लिए विशेष प्रकार की भाषाओं में प्रोग्राम लिखे जाते हैं। इन भाषाओं को प्रोग्रामिंग भाषाएँ कहते हैं। इन भाषाओं की अपनी एक अलग व्याकरण होती है। प्रोग्रामिंग भाषाओं को तीन प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है
  • निम्न स्तरीय भाषाएँ - निम्न स्तरीय भाषाएँ कम्प्यूटर की आन्तरिक कार्यप्रणाली के अनुसार बनाई जाती हैं। निम्न स्तरीय भाषा के दो प्रमुख उदाहरण है।
  1. मशीनी भाषाएँ - मशीनी भाषाएँ केवल बाइनरी अंकों (0 या 1) से बनी होती हैं। प्रत्येक कम्प्यूटर के लिए उसकी अलग मशीनी भाषा होती है। 
  2. असेम्बली भाषाएँ - इनमें 0 से 1 की श्रृंखलाओं के स्थान पर अंग्रेजी के अक्षरों और कुछ गिने-चुने शब्दों को कोड के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • मध्य स्तरीय भाषाएँ - ये भाषाएँ निम्न स्तरीय तथा उच्च स्तरीय भाषाओं के मध्य पुल का कार्य करती हैं।
  • उच्च स्तरीय भाषाएँ - ये भाषाएँ कम्प्यूटर की आन्तरिक कार्यप्रणाली पर आधारित नहीं होती हैं। इन भाषाओं में अंग्रेजी के कुछ चुने हुए शब्दों और साधारण गणित में प्रयोग किए जाने वाले चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। जैसे-फोरट्रॉन, पास्कल आदि।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर उन प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारे वास्तविक कार्य कराने हेतु लिखे जाते हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर दो प्रकार के होते है
  1. सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयर - प्रोग्रामों का वह समूह, जिन्हें उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार अपने सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग में लाते हैं। उदाहरण - पेजमेकर, फोटोशॉप, टैली, वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर, इलेक्ट्रॉनिक स्प्रैडशीट्स आदि इसके उदाहरण हैं।
  2. विशिष्ट उद्देशीय सॉफ्टवेयर - ये सॉफ्टवेयर किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति हेतु बनाए जाते हैं। इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का अधिकार केवल एक उद्देश्य होता है। उदाहरण-इनवेंटरी मैनेजमेण्ट सिस्टम, पेरौल मैनेजमेंट सिस्टम, एकाउटिंग सॉफ्टवेयर आदि।

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